वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।

ॐ गं गणपतये नम:।'

श्री गणेशाय नम:'।

एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

'ॐ वक्रतुंडा हुं।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'

ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'

ये है गणेश स्‍थापना का और समापन शुभ मुहूर्त

नोट कर लीजिए शुभ मुहूर्त से लेकर हर जरूरी जानकारी