Ganesh chaturthi गणेश चतुर्थी क्यों मनाते है
गणेश चतुर्थी भारत में एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री गणेश की पूजा और आराधना करना है। जानेंगे कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।
गणेश चतुर्थी 2023
हिंदू कैलेंडर में भद्रपद के महीने में प्रथम सप्ताह (शुक्ला चतुर्थी) के चौथे दिन मनाया जाता है,आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त या सितंबर में। यह त्यौहार आमतौर पर दस दिन तक मनाया जाता है और (अनंत चतुर्दशी) के चौदहवें दिन समाप्त होता है।
इन दिनों में पूरे देश में घर और मंदिरों में गणेश जी की स्थापना का आयोजन एवं अन्य लोकाचार कार्य किये जाते हैं। लोकाचार यहां इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि गणेश चतुर्थी शास्त्र सम्मत विधि नहीं है।
गणेश चतुर्थी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। क्योंकी हिंदू धर्म में श्री गणेश सर्वप्रथम पूज्य हैं
- भारतीय संस्कृति में गणेश जी को विघ्न-विनाशक, मंगलकारी, रक्षा कारक, सिद्धि दायक, समृद्धि, शक्ति और सम्मान प्रदायी के रूप में माना जाता हैं।
- सभी देवताओं में सबसे पहला स्थान श्री गणेश जी का ही है।
- लोक परम्परा के अनुसार इसे गणेश चौथ भी कहा जाता है।
- महाराष्ट्र में इस त्यौहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। और महाराष्ट्र के लोग इस मुख्य त्योहार के रूप में मनाते हैं गणपति बप्पा मोरिया
- आदि गणेश और गणेश में अंतर है।
- ॐ गणेशाय नमः या ॐ गण गणपतये नमः
ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यतानुसार गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। और इस प्रथा को पुनः भारत में 1893 के आसपास भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता सैनानी बाल गंगाधर तिलक ने गणेश उत्सव को एक सामाजिक और धार्मिक कार्य के रूप में व्यवस्थित करना शुरू किया।
उन्होंने मंडप में गणेश की मूर्ति को स्थापित करने और दसवें दिन गणेश विसर्जन की परंपरा की शुरुआत की। इसे त्योहार रूप में मनाने का उद्देश्य अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों को एकजुट करना था क्योंकि उसे समय लोगों को गुप्त रूप से एकत्र करने का और कोई साधन नहीं था जिससे लोगों को जागृत किया जा सके और यह धीरे-धीरे पूरे राष्ट्र में त्यौहार के रुप में मनाया जाने लगा।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना कैसे करें
गणेश जी की स्थापना करने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना होता है क्योंकि इस त्यौहार को हमें पूरे 10 दिनों तक हर्ष उलाष के साथ मानना है ताकि हमें किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े आइए विधिवत जानते हैं हमें इसके लिए क्या करना होगा।
गणेश चतुर्थी की तैयारी
जैसे कि पूजा स्थल की सफाई, गणेश जी की मूर्ति, आरती, गणेश जी के वस्त्र, पूजा सामग्री, और प्रसाद सजावट के समान आदि।
पूजा स्थल की तैयारी
Ganesh chaturthi की तैयारी के लिए एक शुद्ध स्थान का चुनाव करें सजाने के लिए एक चौकी या पूजा मंदिर का उपयोग करें। फिर पूजा स्थल को सजाकर तैयार करें। लोगों को एकत्र होने और पूजा आदि करने के लिए स्थान का विशेष ख्याल रखें।
श्री गणेश जी की मूर्ति का चयन
अब आप गणेश जी की मूर्ति का चयन करें, जिसे आप अपने पूजा स्थल पर स्थापित करना चाहते हैं। मूर्ति को सुविधानुसार चुनें जैसे कि पारिवारिक सोने की या पारंपरिक मिट्टी की मूर्ति।
गणेश जी की स्थापना
गणेश जी की मूर्ति को ध्यानपूर्वक स्थापित करें। उनकी मूर्ति को पूजा स्थल पर रखें और उनकी पादुकाओं को एक छोटे पात्र में पूजा स्थल पर रखें। यदि संभव हो सके तो गणेश जी की स्थापना के लिए किसी ब्राह्मण को आमंत्रित करें ताकि वह मंत्रोच्चार कर के साथ गणेश जी की मूर्ति को विधि विधान के साथ स्थापित करें।
गणेश पूजा का आरंभ
गणेश जी की मूर्ति के सामने बैठें और पूजा का आरंभ करें। इसमें गणेश जी को जल और धूप दीप की आरती करना पुष्प और मिठाई चढ़ाना शामिल होता है।
गणेश पूजा के मंत्र Ganesh chaturthi मंत्र
पूजा के दौरान गणेश मंत्रों का जाप करें, जैसे कि
- ॐ श्री गणेशाय नमः
- ॐ गं गणपतये नमः
गणेश जी की आरती
गणेश जी की मूर्ति के सामने आरती का पाठ करें। आरती का पाठ करते समय आरती थाली को गणेश जी के सन्मुख बार-बार घूमाते रहें आरती समाप्त होने के पश्चात आरती की थाली को अपने घर पूजा स्थल सभी दिशाओं में प्रसारित करें।
Ganesh chaturthi प्रसाद वितरण
पूजा के बाद गणेश जी को प्रसाद दें और फिर उनकी मूर्ति का समर्पण करें। गणेश जी को प्रसाद में मोदक सबसे प्रिय है इसलिए प्रायः गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है।
Ganesh chaturthi में लोगों को आमंत्रित करें
आपके आयोजित अनुष्ठान में लोगों को आमंत्रित करना है जिसके परिणाम स्वरूप गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे हमें सफलता, सुख और समृद्धि दे।
इस तरह से आप गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह एक धार्मिक और सामाजिक त्योहार है जो समृद्धि और शांति का प्रतीक है।
गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त
प्राप्त जानकारी समाचार एजेंसी हिन्दुस्तान के अनुसार गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को 12:39 पर प्रारंभ होगी और 19 सितंबर 2023 को 1:43 पर समाप्त होगी पूजन करने का शुभ मुहूर्त 11:01 से 1:28 तक रहेगा
गणेश विसर्जन 2023 शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गणेश जी का विसर्जन 28 सितंबर 2023 सुबह 10:35 से लेकर दोपहर 2:50 तक किया जायेगा गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन बहते हुए जल में करना शुभ माना जाता है। यदि नदी झरने आदि में मूर्ति को प्रवाहित करना संभव न हो तो मंत्रोच्चार के साथ सामान्य जल में भी विसर्जित किया जा सकता है।
क्या गणेश चतुर्थी केवल हिन्दू धर्म के लोग ही मना सकते हैं?
सामान्यत इस त्यौहार को हिंदू धर्म के लोग ही मानते हैं परंतु किसी अन्य धर्म के लोग भी इस त्यौहार को अपनी स्वेच्छा अनुसार मना सकते हैं।
गणेश चतुर्थी का आयोजन कैसे किया जाता है?
गणेश चतुर्थी आयोजन के लिए अपने घर पर अपने घर पर गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित कर पूजा आरती करें अधिक जानकारी के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े
गणेश चतुर्थी कब है 2023 शुभ मुहूर्त?
इस वर्ष गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को है शुभ मुहूर्त 12:39 मिनट से प्रारंभ होगा
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है विस्तार से जाने के लिए इस पोस्ट को पढ़े
गणेश चतुर्थी के दौरान क्या होता है?
गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है उनसे आशीर्वाद लेकर अपने भविष्य की सुख समृद्धि और मंगल की कामना की जाती है।