
100 वर्षों की सुगंध यात्रा मैसूर सैंडल साबुन की कहानी Mysore Sandal Soap

मैसूर सैंडल साबुन
मैसूर सैंडल साबुन Mysore Sandal Soap एक शाही विरासत की खुशबूसाल 1916 जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तब विदेशी साबुन केवल अमीरों तक सीमित थे।ऐसे समय में मैसूर के महाराजा ने एक निर्णय लिया ऐसा साबुन बनाया जाए
जो भारत की मिट्टी की खुशबू चंदन की शुद्धता और हमारी संस्कृति की गरिमा को समेटे हो और यहीं से जन्म हुआ मैसूर सैंडल साबुन का।100 वर्षों बाद भी, यह साबुन उसी शुद्ध चंदन तेल (Sandalwood Oil) से बनाया जाता है।

आयुर्वेदिक साबुन
इसमें कोई हानिकारक रसायन नहीं है, कोई मिलावट नहीं है बस शुद्ध आयुर्वेदिक निर्माण।जब आप इस साबुन को हाथ में लेते हैं और आंखें बंद करते हैं, तो बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं
दादी-नानी के संदूक की खुशबू लकड़ी की अलमारी और वो सच्ची साफ-सफाई का अहसास।मैसूर सैंडल साबुन ने 100 वर्षों का गौरवशाली सफर पूरा कर लिया है और इस उपलब्धि पर कंपनी ने एक “सेंचुरी एडिशन” निकाला है सीमित समय के लिए है आप भी इसका लाभ लें सकते हैं।

✅ 100% शुद्ध चंदन का तेल
✅ आयुर्वेदिक फार्मूला

✅ बिना किसी केमिकल के
✅ पीढ़ियों से विश्वसनीय
अब बारी आपकी है भारत की इस खुशबू से जुड़ने की