मध्य प्रदेश कृषि सिंचाई योजना ➡️ Madhya Pradesh krishi sinchai Yojana ⬅️ के अंतर्गत 900 करोड़ 3 नई परियोजनाओं को मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू किया।
🔵 मध्य प्रदेश कृषि सिंचाई योजना ( Madhya Pradesh krishi sinchai Yojana )
मध्य प्रदेश कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार ने 900 करोड़ की तीन अन्य नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया है जो कि मध्य प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही योजनाओं के अंतर्गत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी आती है और कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश कृषि सिंचाई योजना का आरंभ किया गया है यह योजना अभी तक मध्य प्रदेश के 3 जिलों में ही लागू की गई है।
मध्य प्रदेश सिंचाई योजना प्रारंभ करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 900 करोड़ का बजट पास किया है। आपको विस्तार से बताते हैं कि 900 करोड़ का बजट किसे और कितना मिलेगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्री परिषद द्वारा रीवा बुरहानपुर और सिंगरौली में 900 करोड़ रुपए से अधिक सिंचाई परियोजना को हरी झंडी दे दी गई है इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य बनाया गया है।
➡️ रीवा माइक्रो सिंचाई परियोजना
रीवा जिले के त्योंथर तहसील में त्योथर माइक्रो सिंचाई परियोजना को प्रारंभ करने की अनुमति दी गई है इस परियोजना की लागत 89 करोड़ 83 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना के माध्यम से रीवा जिले के त्योंथर तहसील के किसानों को सिंचाई कि इस सुविधा का भरपूर लाभ मिलने के उद्देश्य से प्रारंभ किया है इस परियोजना के प्रारंभ हो जाने से त्योंथर तहसील के लगभग 57 गांव की 7600 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित होने का लाभ मिलेगा जिससे इस क्षेत्र में जल संकट में काफी सुधार की आशा जताई जा रही है।
➡️ बुरहानपुर जिले की होज सिंचाई परियोजना
इस जिले में पांगरी मध्यम (होज) परियोजना के लिए स्वीकृति दी गई है इस परियोजना के अंतर्गत 145 करोड़ 10 लाख की राशि की गई मध्यम होज में 4400 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य है। इस परियोजना से खकनार तहसील के लगभग 10 गांवों को सुक्ष्म सिंचाई होज परियोजना में भूमिगत पाइप लाइन बिछाकर इन सभी 10 गांव सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी।
➡️ सिंगरौली और माडा तहसील में सुक्ष्म (स्प्रिंकलर) सिंचाई पद्धति परियोजना
मंत्री परिषद ने सिंगरौली और माडा तहसील में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का आरंभ किया है। इस योजना को प्रारंभ करने में 672 करोड़ 72 लाख का बजट पास किया गया है। इस परियोजना में सूक्ष्म (स्प्रिंकलर) सिंचाई पद्धति पर जोर दिया गया है जिसमें भूमिगत पाइप बिछाकर हाई प्रेशर के द्वारा सिंचाई करने की योजना बनाई जा रही है इस योजना में लगभग 113 गांव के 38000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य है।
🔵 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
मध्य प्रदेश सिंचाई योजना भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत आती है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का शुभारंभ हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना है।
15 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का प्रारंभ किया गया और केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा इसको 5 साल 2026 तक विस्तृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना पर लगभग 93068 करोड रुपए खर्च करने का अनुमान है इस परियोजना के शुरू होने से लगभग देश के 2200000 किसानों को इसका फायदा पहुंचेगा।
👉 अधिकारिक पोर्टल – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
🔵 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि योजना को संचालित करने के साथ-साथ इस योजना में किसानों को सब्सिडी देने का नियम भी बनाया गया है जो भी किसान इस योजना के अंतर्गत आवेदन करते हैं तथा सिंचाई साधनों की खरीदारी करते हैं उसके आधार पर सरकार सिंचाई साधनों पर किसानों को सब्सिडी देती है।
सब्सिडी योजना उन सभी किसानों के लिए है जो सिंचाई के साधन पानी की बचत जल संचय और पानी की खपत को कम करने में खर्च करते हैं ।
🔵 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का संक्षिप्त विवरण
🔘 परियोजना का नाम? | प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। |
🔘 किसने शुरू किया? | प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी। |
🔘 योजना की शुरुआत कब हुई? | वर्ष 2015 में। |
🔘 योजना का लाभ किसे होगा? | इस योजना का पूर्ण लाभ भारत के किसानों को होगा। |
🔘 योजना की ऑफिशियल वेबसाइट? | https://pmksy.gov.in/ |
🔘 योजना की लागत? | 93068 करोड़ रुपए। |
🔵माइक्रो इरिगेशन सिस्टम क्या है
माइक्रो इरिगेशन सिस्टम फसलों को सिंचाई करने की एक विशेष पद्धति है जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि टपक सिंचाई पद्धति या Drip Irrigation, micro irrigation आदि इस सिंचाई पद्धति में खेतों में एक तरफ से ना भरकर किसान पौधों की जड़ों में पानी को थोड़ा-थोड़ा करके पहुंचाते हैं।
इस पद्धति से सिंचाई करने पर जल व्यय काफी कम हो जाता है। किसके लिए खेतों में पाइपों को दिखाया जाता है कम दाब और कम प्रेसर के माध्यम से पानी को सीधा पौधों की जड़ों के पास गिराया जाता है जिससे पौधों को अधिक से अधिक जल मिल सके।
जल के सीमित क्षेत्र में इस पद्धति से सिंचाई करने पर जल का काफी बचाव किया जा सकता है और ऐसे क्षेत्रों के लिए सिंचाई पद्धति अनिवार्य भी है जिसे हम टपक सिंचाई पद्धति भी कहते हैं।
➡️ हरियाणा मुख्यमंत्री बागवानी योजना क्या है? ⬅️
Qus – 01 मध्य प्रदेश सिंचाई परियोजना का बजट कितना है?
Ans – मध्य प्रदेश सिंचाई परियोजना का बजट 900 करोड़ है।
Qus -02 मध्य प्रदेश सिंचाई परियोजना की शुरुआत किसने की?
Ans – इस परियोजना की शुरुआत मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की।
Qus -03 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना किसने प्रारंभ की।
Ans – इस पर योजना का प्रारंभ है भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा की गई।
Qus -04 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत कब हुई?
Ans – प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015 में की गई।
इसे भी पढ़ें
🔘 Haryana mukhymantri bagvani Yojana हरियाणा मुख्यमंत्री बागवानी योजना
🔘 कार के लिए सबसे अच्छा वेक्यूम क्लीनर
Disclaimer – आवश्यक सूचना
दोस्तों हमारी वेबसाइट swagatam.in कोई सरकारी वेबसाइट नहीं है ना ही इस वेबसाइट का किसी सरकारी मंत्रालय कि वेबसाइट से कोई लेना देना है। यह ब्लॉग जो व्यक्ति विशेष सरकारी योजनाओं में रुचि रखता है और अपनी जानकारी लोगों तक पहुंचाना चाहता है के द्वारा चलाया गया है। हमारी यही कोशिश रहती है कि हम अपने पाठकों को एकदम सटीक और सही जानकारी दें परंतु लाख कोशिशों के बावजूद गलतियों की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
इस वेबसाइट पर प्रकाशित होने वाली सभी सरकारी योजना की ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक दिया जाता है। इसलिए हमारा सुझाव है कि पोस्ट को पढ़ने के साथ-साथ अधिकारिक वेबसाइटो से भी जानकारी प्राप्त करें। अगर आप को लगता है कि पोस्ट में कुछ त्रुटियां है तो हमें अवश्य बताएं।
हमारी वेबसाईट किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाती और ना ही किसी प्रकार का शुल्क लिया जाता है। हमारा उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ लोगों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाना है।