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भगवान श्री राम के पूर्वज | ancestors of lord shri ram | श्री राम 108 नाम

ancestors of lord shri ram | भगवान श्री राम के पूर्वज | भगवान श्री राम के वंशज | भगवान श्री राम पिता पुत्र और पत्नी के नाम

क्या आप जानते हैं प्रभु श्री राम के पूर्वजों (ancestors of lord shri ram)के बारे में जिसे आज तक आपने नहीं पढ़ा कि प्रभु श्री राम के पूर्वज कौन कौन थे विस्तार से जानें

भगवान राम के बारे में तो सभी लोग जानते हैं जो कि विष्णु जी के अवतार थे इसके साथ ही आपने उनके पुत्रों और भाइयों के बारे में भी पढ़ा होगा परंतु क्या कभी आपने सोचा है कि भगवान श्री राम की वंशावली क्या है हमारे प्रभु श्री राम के पूर्वज कौन-कौन हैं। प्रभु श्री राम के वंश की शुरुआत कहां से हुई

भगवान राम के पूर्वज के नाम निम्नवत हैं

क्रमभगवान श्री राम की वंशावली
1ब्रह्मा जी से मरीचि
2मरीचि के पुत्र कश्यप
3कश्यप के पुत्र विवस्वान
4विवस्वान के वैवस्वत मनु
5वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु
6इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि
7कुक्षि के पुत्र विकुक्षि
8विकुक्षि के पुत्र बाण
9बाण के पुत्र अनरण्य
10अनरण्य के पृथु
11पृथु के त्रिशंकु
12त्रिशंकु के पुत्र धुन्धुमार
13धुन्धुमार के पुत्र युवनाश्व
14युवनाश्व के पुत्र मान्धाता
15मान्धाता के सुसन्धि
16सुसन्धि के दो पुत्र ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित
17ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत
18भरत के पुत्र असित
19असित के पुत्र सगर
20सगर के पुत्र असमंज
21असमंज के पुत्र अंशुमान
22अंशुमान के पुत्र दिलीप
23दिलीप के पुत्र भगीरथ
24भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ
25ककुत्स्थ के पुत्र रघु
26रघु के पुत्र प्रवृद्ध
27प्रवृद्ध के पुत्र शंखण
28शंखण के पुत्र सुदर्शन
29सुदर्शन के पुत्र अग्निवर्ण
30अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग
31शीघ्रग के पुत्र मरु
32मरु के पुत्र प्रशुश्रुक
33प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष
34अम्बरीष के पुत्र नहुष
35नहुष के पुत्र ययाति
36ययाति के पुत्र नाभाग
37नाभाग के पुत्र अज
38अज के पुत्र दशरथ
39दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न
40भगवान राम के दो पुत्र लव, कुश
भगवान श्री राम के पूर्वजों के नाम ancestors of lord shri ram

वैवस्वत मनु

वैवस्वत मनु विवस्वान के पुत्र थे और इनके ही राज्य काल के समय ही पृथ्वी पर जल प्रलय हुईं थी उस समय पूरी पृथ्वी जल मगन हो गई थी।

इक्ष्वाकु

वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक पुत्र इक्ष्वाकु थे महाराज इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की | जिसे इक्ष्वाकु वंश के नाम से भी जाना जाता है।

भागीरथ

महाराज भागीरथ ने घनघोर तपस्या करके मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित किया और अपने पूर्वजों को मुक्ति प्रदान करवाई भागीरथ की तपस्या के कारण ही आज मां गंगा पृथ्वी पर विराजमान है और मनुष्य को पाप मुक्त कर रही हैं।

रघु

ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए महाराज रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी राजा होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया तब से इस कुल को रघुकुल भी कहा जाता है। रघुकुल के बारे में एक बात बहुत प्रसिद्ध है की

रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई

श्री राम 108 नाम

क्रमप्रभु श्री राम के 108 नाम
1ऊँ श्री राजीव लोचनाय नम:
2ऊँ श्री रामाया नम:
3ऊँ श्री रामभद्राय नम:
4ऊँ श्री राजेन्द्राय नम:
5ऊँ श्री जानकी पतये नम:
6ऊँ श्री परमेश्वराय नम:
7ऊँ श्री जनार्दनाय नम:
8ऊँ श्री शत्रुजिते नम:
9ऊँ श्री सर्वज्ञाय नम:
10ऊँ श्री बालिमर्दनाय नम:
11ऊँ श्री आत्मवते नम:
12ऊँ श्री विश्वरुपाय नम:
13ऊँ श्री कौसलेशाय नम:
14ऊँ श्री विश्वकृते नम:
15ऊँ श्री सत्यव्रताय नम:
16ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
17ऊँ श्री लोकात्मने नम:
18ऊँ श्री अनादये नम:
19ऊँ श्री दयाकराय नम:
20ऊँ श्री ब्रह्मण्याय नम:
21ऊँ श्री हरये नम:
22ऊँ श्री पुरातनाय नम:
23ऊँ श्री हंसाय नम:
24ऊँ श्री सुग्रीववरदाय नम:
25ऊँ श्री चतुर्वाहवे नम:
26ऊँ श्री स्मृति मते नम:
27ऊँ श्री धीराय  नम:
28ऊँ श्री श्यामाय नम:
29ऊँ श्री लक्ष्मणाग्रजाय नम:
30ऊँ श्री शूराय नम:
31ऊँ श्री आनन्दाय नम:
32ऊँ श्री धनुर्वेदाय नम:
33ऊँ श्री गुण श्रेष्ठाय नम:
34ऊँ श्री दुर्ज्ञेयाय नम:
35ऊँ श्री पूर्णाय नम:
36ऊँ श्री अनन्त दृष्ट्ये नम:
37ऊँ श्री धनुर्धराय नम:
38ऊँ श्री गुणश्रेष्टाय नम:
39ऊँ श्री महाकायाय नम:
40ऊँ श्री विनीतात्मने नम:
41ऊँ श्री तपस्वीशाय नम:
42ऊँ श्री जनेश्वराय नम:
43ऊँ श्री कल्पाय नम:
44ऊँ श्री सर्वकामदाय नम:
45ऊँ श्री पुरुषाय नम:
46ऊँ श्री केशवाय नम:
47ऊँ श्री हनुमतप्रभवे नम:
48ऊँ श्री सत्यवादिने नम:
49ऊँ श्री सुखदाय नम:
50ऊँ श्री संसारोत्तमाय नम:
51ऊँ श्री सीताशोक विनाशकृते नम:
52ऊँ श्री पुण्डरीकाक्षाय नम:
53ऊँ श्री मारीच मथनाय नम:
54ऊँ श्री किरीटिने नम:
55ऊँ श्री जन्मरहिताय नम:
56ऊँ श्री सर्वगोचराय नम:
57ऊँ श्री अनुत्तमाय नम:
58ऊँ श्री गुणसागराय नम:
59ऊँ श्री सदगतये नम:
60ऊँ श्री उउपेन्द्राय नम:
61ऊँ श्री गोविन्दाय नम:
62ऊँ श्री रत्नगर्भाय नम:
63ऊँ श्री वाचस्पतये नम:
64ऊँ श्री जानकी बल्लभाय नम:
65ऊँ श्री प्रीति वर्धनाय नम:
66ऊँ श्री निरंजनाय नम:
67ऊँ श्री जगन्नाथाय नम:
68ऊँ श्री वसुदाय नम:
69ऊँ श्री सिद्धिदाय नम:
70ऊँ श्री शक्ति मते नम:
71ऊँ श्री कमला पतये नम:
72ऊँ श्री मत्स्य रुपाय नम:
73ऊँ श्री नर नारायणाय नम:
74ऊँ श्री व्यासाय नम:
75ऊँ श्री पृत्थु नम:
76ऊँ श्री दत्तात्रेयरुपाय नम:
77ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
78ऊँ श्री मोहनी रुपाय नम:
79ऊँ श्री पर्जन्याय नम:
80ऊँ श्री राक्षसान्त कृते नम:
81ऊँ श्री दिव्ययुधधराय नम:
82ऊँ श्री जनकप्रिय कृते नम:
83ऊँ श्री सूक्ष्माय नम:
84ऊँ श्री अच्युताय नम:
85ऊँ श्री निर्लेपाय नम:
86ऊँ श्री सर्वव्यापिने नम:
87ऊँ श्री वर्णश्रेष्ठाय नम:
88ऊँ श्री सुखप्रदाय नम:
89ऊँ श्री देवाधिदेवाय नम:
90ऊँ श्री शांगपाणये नम:
91ऊँ श्री पितृभक्ताय नम:
92ऊँ श्री मुनिसेविताय नम:
93ऊँ श्री कलानिधये नम:
94ऊँ श्री भवभंज्जनाय नम:
95ऊँ श्री सहस्त्रपदे नम:
96ऊँ श्री अधर्म शत्रुवे नम:
97ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:
98ऊँ श्री शिवपूजारलाय नम:
99ऊँ श्री भवानी प्रियकृते नम:
100ऊँ श्री नीललोहिताय नम:
101ऊँ श्री कलाधराय नम:
102ऊँ श्री सुलभाय नम:
103ऊँ श्री पापनाशकृते नम:
104ऊँ श्री चतुर्वर्गफलाय नम:
105ऊँ श्री परमार्थ गुरवे नम:
106ऊँ श्री मधूसूदनाय नम:
107ऊँ श्री भूवनेश्वराय नम:
108ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
भगवान श्री राम के 108 नाम

भगवान श्री राम के पिता पुत्र और पत्नी के नाम

  • पिता – राजा दशरथ
  • माता – कौसिल्या
  • पत्नी – माता सीता
  • पुत्र – लव और कुश है
  • भाई – लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न

FAQ

भगवान राम के पिता का क्या नाम था?

भगवान राम के पिता का नाम राजा दशरथ था।

राजा दशरथ के कितनी रानियां थीं?

राजा दशरथ के तीन रानियां थीं कौशल्या, सुमित्रा और कैकेई

भगवान राम किस वंश के राजा थे?

भगवान राम सूर्यवंशी राजा थे।

श्री राम कहा के राजा थे?

श्री राम अयोध्या के राजा थे।

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